Monday, September 24, 2012

हमारे वोट, पेड़ पर उगते हैं क्या ? (व्यंग गीत)

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हमारे  वोट,  पेड़  पर   उगते   हैं   क्या ? (व्यंग गीत)




यूँ  लगा मानो  कि ग़लती  से  हमने, गधे  की  दुम  दबा  दी..!

हुआ    ऐसा, एक  नेताजी  को   पीछे से    आवाज़  लगा  दी..!

1.

चुनाव  सर  पर  था  और  प्र-खर  समाज  प्रचुर  जोश में  था..!

अतः वो दौड़े  चले आए  और  फिर  लं..बी  खर-तान  लगा  दी..!

यूँ  लगा मानो  कि ग़लती  से  हमने, गधे  की  दुम  दबा  दी..!

2.

"ज़रा   धीरे   नेताजी, आप  की   तरह, जनता   बहरी   है  क्या ?"

बोले, "चाहे   सो  कहो, दिलवा  दोगे  ना   फिर  वही  राजगद्दी ?"

यूँ  लगा मानो  कि ग़लती  से  हमने, गधे  की  दुम  दबा  दी..!

3.

हमने   कहा, " क्यों जी   हमारे   वोट,  पेड़  पर  उगते   हैं   क्या ?

अब  इतना समझ लो, हमने आपकी  किस्मत  उल्टी  धुमा  दी..!" 

यूँ  लगा  मानो  कि  ग़लती  से  हमने, गधे  की  दुम  दबा  दी..!

4.

बोले, "  हर  आँगन  में  हम, रुपयों  का  एक  पेड़  लगवा  देंगे..!"

हम  पर करें  वह  दूसरा  खर-प्रहार , हमने  पीठ  ही  धुमा  ली..!


यूँ  लगा  मानो  कि  ग़लती  से  हमने, गधे  की  दुम  दबा  दी..!



मार्कण्ड दवे । दिनांकः२४-०९-२०१२. 

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