Monday, January 23, 2012

दर्द । ( गीत )





दर्द । ( गीत )



दर्द   भी  हथियार  बन  गया  है  आजकल ?

कैसे  वार  पर  वार, हो  रहा  है  आजकल..!!


अंतरा-१.


सुना  है, आयुध-तस्कर है ज़माना तो  वह,

ना जाने  कहाँ, गुम हो  गया  है  आजकल..!!

कैसे  वार   पर  वार, हो  रहा  है  आजकल..!!


अंतरा-२.


बस  किसी  बात का, बहाना  चाहिए  उसे,

वो  कितना  मुस्कुरा   रहा   है  आजकल ?

कैसे  वार  पर  वार, हो  रहा  है  आजकल..!!


अंतरा-३.


दर्द   कभी   दरिंदा   तो   होता  नहीं  मगर,

कैसे जीना  दुश्‍वार कर रहा   है  आजकल..!!

कैसे  वार   पर  वार, हो  रहा  है  आजकल..!!


अंतरा-४.


रूहानी - जिस्मानी,  मर  रहा  हूँ,  पल-पल,

देखो, मुझे  ये क्या  हो  रहा  है  आजकल..!!

कैसे  वार   पर  वार, हो  रहा  है  आजकल..!!


दर्द   भी  हथियार  बन  गया है  आजकल ?
कैसे  वार  पर  वार, हो  रहा  है  आजकल..!!

मार्कण्ड दवे । दिनांक-२३-०१-२०११.

1 comment:

  1. आप मेरे ब्लॉग पर आये इसके लिए बहुत बहुत हार्दिक
    आभार जी.

    बहुत दर्द भरा गीत प्रस्तुत किया है आपने.
    दर्द का हथियार बनना गहन भाव अभिव्यक्त
    करता है.

    ReplyDelete

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Ratings and Recommendations by outbrain

Followers

SpellGuru : SpellChecker & Editor For Hindi​​



SPELL GURU