दर्द । ( गीत )
दर्द भी हथियार बन गया है आजकल ?
कैसे वार पर वार, हो रहा है आजकल..!!
अंतरा-१.
सुना है, आयुध-तस्कर है ज़माना तो वह,
ना जाने कहाँ, गुम हो गया है आजकल..!!
कैसे वार पर वार, हो रहा है आजकल..!!
अंतरा-२.
बस किसी बात का, बहाना चाहिए उसे,
वो कितना मुस्कुरा रहा है आजकल ?
कैसे वार पर वार, हो रहा है आजकल..!!
अंतरा-३.
दर्द कभी दरिंदा तो होता नहीं मगर,
कैसे जीना दुश्वार कर रहा है आजकल..!!
कैसे वार पर वार, हो रहा है आजकल..!!
अंतरा-४.
रूहानी - जिस्मानी, मर रहा हूँ, पल-पल,
देखो, मुझे ये क्या हो रहा है आजकल..!!
कैसे वार पर वार, हो रहा है आजकल..!!
दर्द भी हथियार बन गया है आजकल ?
कैसे वार पर वार, हो रहा है आजकल..!!
मार्कण्ड दवे । दिनांक-२३-०१-२०११.
आप मेरे ब्लॉग पर आये इसके लिए बहुत बहुत हार्दिक
ReplyDeleteआभार जी.
बहुत दर्द भरा गीत प्रस्तुत किया है आपने.
दर्द का हथियार बनना गहन भाव अभिव्यक्त
करता है.