Tuesday, November 29, 2011

तंग न करना । (गीत ।)




तंग न करना । (गीत ।) 


ठुकरा   कर  हमें  सनम, कभी बेरंग  न  करना ।

प्यार   में   तुम्हारे   तेवर, कभी  तंग  न  करना..!!


अंतरा-१.


बस   में   कहाँ    है    तेरे,  किसी   ओर   का  होना..!!

ये  ठीक  नहीं  की  समझो, दिल  को  एक खिलौना..!!

उठेगा    तूफाँ,  तक़दीर   से  कभी  जंग  न  करना ।

प्यार   में   तुम्हारे   तेवर,   कभी    तंग  न  करना..!!


अंतरा-२.


अगर  मेल  नहीं  है  तो, हम से  जुदाई  भी  कहाँ..!!

शीशा-ए-दिल  टूटा  कहाँ, बात निभाई  भी  कहाँ..!!

नाज़ुक    है    मामला,  इस   में   सुरंग  न  करना ।

प्यार    में    तुम्हारे   तेवर,  कभी   तंग  न  करना..!!


अंतरा-३.


गैर  से  रिश्ते - नाते, बहुत  ज़्यादती  है  सनम..!! 

जुदा   होने  की  बात, कहाँ  से उठती  है  सनम..!!

जुदाई   के   बहाने  तुम, अनूह  तरंग  न  करना ।

प्यार   में  तुम्हारे   तेवर,  कभी   तंग  न  करना..!!

(अनूह = बिना सोचे समझे )


अंतरा-४.


हसीं  हो   तुम, जवाँ  भी, कई  चाहने वाले  होंगे..!!

हम  तो  जाँ  लुटा   चुके, कई  और  लुटाते  होंगे..!!

मासूम  जवानी  को, इतनी  भी  दबंग  न  करना ।

प्यार   में   तुम्हारे   तेवर,  कभी   तंग  न  करना..!!


(दबंग = असरदार, कारगर, प्रभावी)



ठुकरा   कर  हमें  सनम, कभी बेरंग  न  करना ।


प्यार   में   तुम्हारे   तेवर, कभी  तंग  न  करना..!!



मार्कण्ड दवे । दिनांक-२६-११-२०११.

1 comment:

  1. बहुत सुंदर गीत लिखते है आप सभी पढ़ता हूँ आभार

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