ख़ुदगरज लीडर । (व्यंग गीत ।)
ख़ुद से भी ख़ुदगरज होते हैं लीडर ।
ख़ुद को ही ख़ुदा समझते हैं चीटर ।
अंतरा-१.
धन - दौलत के चंद टूकड़ों की ख़ातिर,
हर पल ज़मीर से झगड़ते हैं लीडर ।
ख़ुद को ही ख़ुदा समझते हैं चीटर ।
अंतरा-२.
जन्नत हथिया कर, ईमान दफ़ना कर,
जन्नत को जहन्नुम, बदलते हैं लीडर ।
ख़ुद को ही ख़ुदा समझते हैं चीटर ।
अंतरा-३.
मर कर जी रहे हम, जी लिया अब जी भर,
लहू लोगों का खूब पीते हैं लीडर ।
ख़ुद को ही ख़ुदा समझते हैं चीटर ।
अंतरा-४.
रूहें दबा कर, जिस्मों को कूचल कर,
तिजारत, लाशों की करते हैं लीडर ।
ख़ुद को ही ख़ुदा समझते हैं चीटर ।
(तिजारत=व्यापार)
अंतरा-५.
ख़ुदा को ख़तावार, खुलेआम कह कर,
ख़ुदा से भी बदला लेते हैं लीडर ।
ख़ुद को ही ख़ुदा समझते हैं चीटर ।
ख़ुद से भी ख़ुदगरज होते हैं लीडर ।
ख़ुद को ही ख़ुदा समझते हैं चीटर ।
मार्कण्ड दवे । दिनांक-२६-११-२०११.
सरजी, यदी यह गाना आपकी आवाझ ाौर आपकी बंदीशमें ही सुनने मील जाता तो ?
ReplyDeletefilm ke song par vyang geet
ReplyDeleteyaane tune wahi hone chahi ye aur lyrics comedy hone chahiye
vyang geet on filmy songs means tune should not change only lyrics should change with comedy lyrics
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