दिल रख लो चाहे कुचल डालो।
(courtesy-Google images)
दिल की बातें किसे सुनाए,
सुने ना कोई तेरे शहर में,
दाग़ दिल के किसे बताए,
संगदिल हर कोई तेरे शहर में,
आशियाना मेरा था
तेरे घर के सामने
फिर भी मेरे यार तरसे,
सा-मो-शहर तेरे शहर में,
चाह लेकर आया था,
दर्द लेकर लौटा हुं
रख लो चाहे कुचल डा-लो,
दिल छोड़ा है,तेरे शहर में,
क्या बताए हाल यारों,
ज़ख्म लगे क्यों जिस्म पर,
संगदिलों के संग से,
बे-हाल हुए है,तेरे शहर में,
दिल की बातें किसे सुनाए,
सुने ना कोई तेरे शहर में,
दाग़ दिल के किसे बताए,
संगदिल हर कोई तेरे शहर में,
मकरंद भाई,
ReplyDeleteयह बहुत ही अच्छा प्रयास है. इसे जारी रखें. सादर शुभकामनाएं.
आपका स्वागत है..... अच्छे लेखन के लिए शुभकामनाएं .....
ReplyDeleteब्लॉग जगत में आपका स्वागत है.
ReplyDeletedil ki baat ...
ReplyDeletesahar ki zindgi...
bahut khoob rachna hai aapki
badhaai
badhaai
badhaai
___________bahut badhaai !
हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |
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