Wednesday, May 16, 2012

My 61st Birthday


GAZALNUMA GEET-QUAFAN-कफ़न ।



Markand Dave & MKTVFILMS

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HINDI GAZALNUMA GEET- -कफ़न।

पसीने से भिगे बदन ।


ये पसीने से भिगे हुए हैं बदन।
पेट भरने को छोड़ा है अपना वतन।


शहर में ये उठता धुआँ सा क्यूँ है?
किसी मजबूर दिल की है ये जलन।
पेट भरने को छोड़ा है अपना वतन।


ठेलोँ के नीचे बँधी ये चादर क्यूँ है?
पलते है ईनमे देखो ग़रीबों के रतन।
पेट भरने को छोड़ा है अपना वतन।


ये रोते-बिलखते मासूम क्यूँ है?
बेबसी ने बिकाया, माँ का ये तन।
पेट भरने को छोड़ा है अपना वतन।


फुटपाथ भी ये परेशान क्यूँ हैं?
औढकर कोई सोया हुआ है कफ़न।
पेट भरने को छोड़ा था उसने वतन।

मार्कण्ड दवे।दिनांकः२६/०२/२०११.


मैं और मेरी कहानियाँ- तथास्तु ।

प्रेरणात्मक कहानी संग्रह- किताब प्राप्तिस्थान
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OR Mob:9376913202 Time-9.00 Am to 12.Noon


THANKS.

MARKAND DAVE

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