मौत की आहट ।
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प्यारे दोस्तों,
मैं आज भी संगीत जगत में एक शिष्य ही हूँ, अतः बड़े ही विनम्र भाव से, मैं मेरी एक गज़लनुमा गीत-रचना,मेरे ही स्वरांकन-संगीतबद्ध करके पेश कर रहा हूँ । गीतकार-स्वरांकन-संगीत-गायक-मार्कंड दवे ।
स्वरायोजन-प्रसुन चौधरी.
प्यारे दोस्तों,
मैं आज भी संगीत जगत में एक शिष्य ही हूँ, अतः बड़े ही विनम्र भाव से, मैं मेरी एक गज़लनुमा गीत-रचना,मेरे ही स्वरांकन-संगीतबद्ध करके पेश कर रहा हूँ । गीतकार-स्वरांकन-संगीत-गायक-मार्कंड दवे ।
स्वरायोजन-प्रसुन चौधरी.
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मौत की आहट (गज़लनुमा गीत)
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मौत की आहट (गज़लनुमा गीत)
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हर साँस मे मौत की आहट सुनाई देती है ।
ज़िंदगी अब तो गिन-गिन के बदला लेती है ।
ज़िंदगी अब तो गिन-गिन के बदला लेती है ।
१.
ज़िंदगी जीने मे जो माहिर माने जाते थे ।
उनको अब जीने की रीत देखो सिखाई जाती है ।
हर साँस मे ...................
ज़िंदगी जीने मे जो माहिर माने जाते थे ।
उनको अब जीने की रीत देखो सिखाई जाती है ।
हर साँस मे ...................
२.
बेआबरु न हो कोई, मैं तो खामोश रहता था ।
कहानी मेरी ही अब मुझ को सुनाई जाती है ।
हर साँस मे ...................
बेआबरु न हो कोई, मैं तो खामोश रहता था ।
कहानी मेरी ही अब मुझ को सुनाई जाती है ।
हर साँस मे ...................
३.
मुआफ़ करना गुस्ताख़ी अगर हो कोई ।
आखरी ख़्वाहिश सभी से तो पूछी जाती है ।
हर साँस मे ...................
मार्कड दवे । मई -२३.२००९.
मुआफ़ करना गुस्ताख़ी अगर हो कोई ।
आखरी ख़्वाहिश सभी से तो पूछी जाती है ।
हर साँस मे ...................
मार्कड दवे । मई -२३.२००९.
बहुत ही शानदार गीत और गायन.
ReplyDeleteसुनकर मन मग्न हो गया है.
आभार.
बहुत दिनों से ब्लॉग पर आना जाना कम रहा है.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईएगा दवे जी.
गम्भीर चिंतन।
ReplyDelete............
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