Wednesday, November 16, 2016

ख़्वाब ।

तूने  कैसी नज़र से  देखा, आकर के  मेरे ख़्वाब में?

तेरे  मुताल्लिक, सारे ख़्वाब, जल गए मेरे ख़्वाब में...!


मुताल्लिक = संबंधित;

मार्कण्ड दवे । दिनांकः १६ नवम्बर २०१६.


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