Tuesday, November 15, 2016

चांदनी रात ।

चांदनी के बदन से, रौशनी चुरा के, ओढ़ लेता हूँ,

जब तुम्हारी  याद, चांदनी  रातों में, सताती है मुझे..!


मार्कण्ड दवे । दिनांकः २८ जुलाई २०१६.


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