Wednesday, August 10, 2016

ऐतबार ।

मैंने  कहा, `आजकल, कोई बोझ नहीं है, ज़िंदगी पर,`
उसने  मुस्कुराकर, मेरे  कंधे  पर, ऐतबार रख दिया...!


ऐतबार = भरोसा;
( किसीके विश्वास का बोझ सब से भारी होता है । )

मार्कण्ड दवे । दिनांकः ०६ अगस्त २०१६.


No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Ratings and Recommendations by outbrain

Followers

SpellGuru : SpellChecker & Editor For Hindi​​



SPELL GURU