Saturday, May 10, 2014

Short story-10. प्याऊ ।


 Short story-10. प्याऊ ।

"अय बुढ़िया..! चुनाव सर पर है,आज प्रधान मंत्री जी आने वाले है, उनकी सुरक्षा का जिम्मा हम पर है, चल उठा तेरा प्याऊ का सामान और भाग यहाँ से..!" गाँव की कच्ची सड़क के किनारे स्थित पेड़ के नीचे, आते-जाते राहदारी को शीतल जल पिलाने वाली बूढ़ी मैया पर, दरोगा साहब ने रोब दिखाया और डंडे से प्याऊ की सारी मटकी फोड़ कर, ज़ोर-ज़ोर से गुर्राने लगे..!

बूढ़ी मैया बिना कुछ बोले, प्याऊ का बाकी सामान ले कर सामने वाले झोंपड़े में चली गई । थोड़ी ही देर में, प्रधान मंत्री जी का काफ़िला आया और वही पेड़ के नीचे रुक गया..! 

प्रधान मंत्री जी ने दरोगा जी से पूछा, " यहाँ एक बूढ़ी मैया का प्याऊ था ना, कहाँ  है?"
 
यह प्रश्न सुन कर दरोगा हकलाने लगा । इतने में सामने से शीतल जल की एक छोटी मटकी और  प्याला ले कर बूढ़ी मैया आती दिखाई दी । प्रधान मंत्री जी फौरन उसकी तरफ दौड़े और उन्होंने ने मैया का चरणस्पर्श किया," कैसी हो मैया ?"
 
निर्दोष भाव से हँस कर बूढ़ी मैया बोली,

" बेटा, इतना बड़ा आदमी हो गया, फिर भी तेरे बचपन के दिन, तुझे अब भी याद है? "
मार्कण्ड दवे ।
 
दिनांकः ०९-०५-२०१४.


1 comment:

  1. उल्टा कर दिया हम तो समझे थे दरोगा को मैडल मिलेगा ।

    ReplyDelete

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Ratings and Recommendations by outbrain

Followers

SpellGuru : SpellChecker & Editor For Hindi​​



SPELL GURU