Micro short story -4. `शायद..!`
"ये क्या है नंदिनी? आज, पहली बार काम में इतनी गलतियां..! क्या बात है, बहुत उदास लग रही हो..!"
मैनेजर साहब ने नंदिनी से आख़िर पूछ ही लिया ।
" सर, मेरे तीन साल के बेटे को किडनी में स्टोन का प्रॉब्लम हुआ है, उसके ऑपरेशन के लिए दो लाख रुपये चाहिए मगर, मेरी हालत..!" कहते-कहते नंदिनी की सुंदर आंखे भर आयीं ।
करीब दस मिनट के बाद, पहली बार, स्मार्ट,युवा और हेन्डसम, बोस के सामने नंदिनी खड़ी थी ।
बोस ने, नंदिनी को सर से पाँव तक घूरते हुए, कहा, " समय नहीं है, सीधा पाइन्ट पर..! लोन मिल जाएगा,
क्या तुम समझौते (Compomise) के लिए तैयार हो?"
नंदिनी ने केबिन का दरवाजा पुरा खोला, बोस के गाल पर, एक करारा चाँटा मारा और पीछे मुड़ कर देखे बिना ही, ऑफिस की लिफ्ट की ओर आगे बढ़ गई ।
केबिन के बाहर भौंचक्का सा खड़ा हुआ पुरा स्टाफ, सबकुछ समझ रहा था, अधिकतर महिला कर्मचारी..!
शायद, नंदिनी भी इतनी नासमझ नहीं थी..!
मार्कण्ड दवे । दिनांकः ११-०४-२०१४.
बहुत बहुत शुक्रिया श्री राजीव कुमार जी,
ReplyDeleteखूबसूरत प्रस्तुति...
ReplyDeleteThanks a lot Shri Bhatt sahab,
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