Monday, April 7, 2014

आते-जाते रहेंगे । (गीत)


आते-जाते रहेंगे । (गीत)

ग़मों का  क्या है, वो तो  आते-जाते  रहेंगे..!
और जालिम ? बस, यूँ ही मुस्कुराते  रहेंगे ।

अन्तरा-१.

वास्ता हो जिन्हें वो, जानते हैं, मज़ा उसका..!
हैं   ग़मखोर, गज़ब  हम भी आज़माते रहेंगे..!
ग़मों का   क्या  है, वो तो  आते - जाते रहेंगे..!
 
ग़मखोर = सहनशील ।

अन्तरा-२.

गर है , तबाह करना, मकसद उनका, यारों..!
कमज़ोर   नहीं   हम   भी, दर्द   सहते  रहेंगे ।
ग़मों का  क्या  है, वो तो  आते - जाते  रहेंगे..!

अन्तरा-३.

दमदार ग़म परखना, पाला है शौक हमने..!
ताउम्र      क़र्ज़     उनका,     चुकाते  रहेंगे ।
ग़मों का  क्या है, वो तो  आते-जाते  रहेंगे..!

अन्तरा-४.

थामा है, कब से  हमने, प्याला  ज़हर  का..!
फरहत के,  गीत अक्सर, गुनगुनाते रहेंगे ।
ग़मों का  क्या है, वो तो  आते-जाते  रहेंगे..!

फरहत = खुशी.


मार्कंड दवे । दिनांकः ०७-/०४/२०१४.



 

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