मौत की आहट (गज़लनुमा गीत)
(सौजन्य-गूगल)
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प्यारे दोस्तों,
मैं आज भी संगीत जगत में एक शिष्य हूँ, अतः बड़े ही विनम्र भाव से, मैं मेरी एक गज़लनुमा गीत-रचना, मेरे ही स्वरांकन-संगीतबद्ध करके पेश कर रहा हूँ ।
इस गीत में, उम्र के चलते, मेरे गायन का रियाज़ कम होने की वजह से, गायकी में, अगर कोई कमी महसूस हो तो कृपया मुझे क्षमा करना ।
गीतकार-स्वरांकन-संगीत-गायक-मार्कंड दवे ।
स्वरायोजन-प्रसुन चौधरी.
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मौत की आहट (गज़लनुमा गीत)
बहुत ही अच्छा स्वर और गायन है.
ReplyDeleteमार्कंडजी,
ReplyDeleteआपका आवाज /स्वर तरजुबेवाला पाया गया! हां,नीचे (low) स्वरमें थोड़ा कमी महेसुस हुई लेकिन जो आपने गाया है और साथ में संगीतबध्ध किया है वह दोनों मेरे को बहुत पसंद आया !
धन्यवाद !
प्रिय अशोकजी,
ReplyDeleteजो गीतकार-कम्पोझर-संगीतकार होते हैं,वे ज्यादातर गाना भी जानते होते हैं,पर व्यवसायिक गायक नहीं होते । मैं भी गाना जानता हूँ,पर दूसरे प्रोफेशनल सिंगर को धून समझाने जितना ही गा सकता हूँ । हर गीत का पहले पाइलॉट ट्रेक तैयार होता है, बाद में असली गायक का रिकॉर्डिंग होता है।
फिरभी आपको मेरा गीत अच्छा लगा आपका बहुत शुक्रिया ।
॰ सुश्रीअल्पनाजी,आपका भी बहुत-बहुत धन्यवाद।
मार्कण्ड दवे।
बहुत ही सुन्दर लगी आपकी रचना। आपकी आवाज़ में सुनकर और भी अच्छा लगा। कहते हैं - " जो लोग अच्छा गाते हैं वे बहुत ही निर्मल मन वाले भी होते हैं "
ReplyDeleteमेरी प्यारी बहना सुश्रीदिव्याजी,(झीलजी)
ReplyDelete"जो खुद निर्मल मन के होते हैं,वही अच्छे गीत का आनंद उठा पाते हैं", आप भी बड़े उम्दा स्वभाव की धनी है । अब अपनी बहन से कोई शुक्रिया कहता है भला..!!
मार्कण्ड दवे।