Sunday, November 13, 2016

भरोसा ।

शायद, अपनी काबिलियत पर, अब उसे भरोसा नहीं रहा,

अहसास-जज़बात की  रगों को, काटने  पर  तूला है  दिल..!


काबिलियत = हुनर;  

अहसास =  अनुभव; 

जज़बात = मनोभाव;
  
रग = नस,बुनियाद;
  
तूलना = तत्पर होना;

मार्कण्ड दवे । दिनांकः ०९ अगस्त  २०१६.



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