उल्टे पाँव लौट आया मैं, इबादतगाह के दर से,
उसके रूबरू हो न सका, दाग़ी ज़मीर ले कर..!
उल्टे पाँव = तुरन्त बिना ठहरे हुए लौट जाना;
इबादतगाह = बन्दगी का स्थान; दर = दरवाज़ा;
रूबरू = उपस्थित;
दाग़ी = लांछित;
ज़मीर = अन्तर्मन;
मार्कण्ड दवे । दिनांकः २४ जून २०१६.
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