Tuesday, June 14, 2016

वक़्त ।

 वक़्त ।

कोसता रहा वक़्त को, सवाल कई दाग़  कर,
 
पता  चला, वक़्त  से  बड़ा  कोई  जवाब  नहीं...!
 
कोसना = शाप के रूप में गालियाँ देना; दाग़ना = सख़्ती से पूछना;
 
मार्कण्ड दवे । दिनांकः १२ जून २०१६.

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