Thursday, June 23, 2011

श्रीबकबक विजय सिंह भानपा में?


श्रीबकबक विजय सिंह 
भानपा में?
सौजन्य-गूगल


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(नोट- यह पूरा आलेख १००% काल्पनिक है और इसका जीवित या मृतक किसी भी इन्सान से, स्नानसूतक का भी  कोई संबंध नहीं है, अतः इसे व्यक्तिगत न लें ।)

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स्थल- दिल्ली प्रमुख कार्यालय -भानपा ।

समय- दोपहर ४.०० बजे ।

पत्रकार परिषद शुभारंभ की तैयारी है ।

मंच पर उपस्थित पार्टी के महानुभव ।

१.पक्ष प्रमुख श्रीकड़वीकरीजी ।

२. साध्वी सुश्री मख्खी मारतीजी तथा

३. ढोंगरेस पार्टी से ताज़ा निष्कासित, 
महान मंत्री श्री बकबक विजय सिंहजी ।

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श्रीकड़वीकरीजी," क्या माइक चालू है? हे...लो, वन..टू.. थ्री; वन..टू.. थ्री; वन..टू.. थ्री; आवाज़ क्यों नहीं आती?"


श्री बकबक विजय सिंह," मैं हूँ ना? आज के बाद आपको माइक की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है..!! हे...लो, वन..टू.. थ्री; वन..टू.. थ्री; वन..टू.. थ्री; चलो हो गया ठीक, ब..स?


साध्वी सुश्री मख्खी मारतीजी," देखो,आदरणीय श्री बकबक विजयजी, आप ये ग़लत कर रहे हैं..!! पक्ष प्रमुख आदरणीय श्रीकड़वीकरीजी के होते आप माइक को हाथ नहीं लगा सकते, अगर ऐसा ही चलता रहा तो मैं पक्ष छोड़ दूँ गी..!!"


श्री बकबक विजय सिंह," अजीब बात है..!! पहले आज भारतीय नचणिया पार्टी में, आपका दाख़िला तो होने दो? भले ही, बाद में पक्ष छोड़ देना? आप को यु.पी. में `कायावती` प्रजाति की ज़हरीली मख्खीयों का उप-द्रव कम करने का काम सौंपा है, वह कब, अगले जन्म में करोगी?"


सुश्री मख्खी मारतीजी," भारतीय नचणिया पार्टी का सहारा ले कर आपको मध्य-प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना है क्या? मैं सब जानती हूँ मुझे यु.पी. क्यूँ भेजा जा रहा है, हाँ..आँ..!!


श्रीकड़वीकरीजी,(दोनों पर गुस्सा होते हुए?) चु..उ..उ..प, ओसामा के नाती? दिखता नहीं है, न्यूज़ चैनल वालों के कैमरे चालू है?"


श्रीकड़वीकरीजी,(पत्रकारों से)," चलो भैया, आपका सब ठीक हो गया? अब पत्रकार परिषद शुरू करें?"

(सभी पत्रकार `हाँ` कहते हुए अपना सिर हिलाते हैं ।)

श्रीकड़वीकरीजी," हाँ तो, मैं क्या कह रहा था?"

श्री बकबक विजय सिंह," आप कह रहे थे, चु..उ..उ..प, ओसामा के नाती?" 

श्रीकड़वीकरीजी," या,,र..!! श्री बकबक विजयजी, आप थोड़ी देर चुप नहीं बैठ सकते क्या?"

(श्रीकड़वीकरीजी पत्रकारों की ओर मुड़ कर..!!)


श्रीकड़वीकरीजी," आप सब जानते हैं कि, आज मैं एक बहुत बड़ा एनाउन्समेन्ट करने जा रहा हूँ । हमारी भारतीय नचणिया पार्टी में, आज साध्वी सुश्री मख्खी मारतीजी और ढोंगरेस के महान मंत्री श्री बकबक विजय सिंहजी  प्रवेश कर रहे हैं । मैं उन दोनों का आज पार्टी में प्रवेश निश्चित करने की घोषणा बड़े ही फख़्र के साथ करता हूँ । आप अगर उनसे कोई सवाल करना चाहे तो कर सकते हैं ।"


पत्रकार-१," सर, मेरा सवाल श्री बकबकजी से है, आपने ढोंगरेस को  क्यों  त्याग  दिया?"


श्री बकबक विजय सिंह," आप सब ने नोट किया होगा, ढोंगरेस पक्ष के राज माता सुश्री मौनियाजी और युवराज श्री व्यर्थ हूल बाबाजी के लिए मैं ने आजतक क्या-क्या नहीं किया? फिर भी, युवराज श्री व्यर्थ हूल बाबाजी को प्रधानमंत्री बनाने के बयान और देश के प्रधानमंत्री-न्यायाधीश सहित सभी नागरिकों को, हयात सरकार द्वारा पेश होनेवाले`चोर-पाल बील` में शामिल करने के बयान पर इन सारे ढोंगी लोगों ने मुझे, मेरा ही थूका हुआ वापस चटा कर, कैसे अपमानित किया था..!! इसलिए, ब..स  इसीलिए,मैंने ढोंगीओं की पार्टी ढोंगरेस को त्याग कर, भारतीय नचणिया पार्टी जोईन कि है..!!"


पत्रकार-२," पर श्रीबकबकजी भारतीय नचणिया पार्टी में आपका क्या रोल रहेगा?"


श्रीकड़वीकरीजी," इस सवाल का जवाब मैं दे रहा हूँ । साध्वी सुश्री मख्खी मारतीजी को यु.पी. में फैले `कायावती` प्रजाति की मख्खीयों के उपद्रव को मिटाने का कार्यभार सौंपा गया है और श्रीबकबक विजयजी को, दिल्ली कार्यालय में भानपा के प्रमुख प्रवक्ता का कार्यभार सौंपा गया है..!!"


पत्रकार-३," सुश्री मख्खी मारतीजी, जनता के मन में आशंका है कि, क्या आप `कायावती` प्रजाति की मख्खीयों के उपद्रव को मिटा पाएंगी?"


सुश्री मख्खी मारतीजी," देखिए, मुझे करीब साढे पांच-छह साल से मख्खीयां मारने का भयानक अनुभव हो गया है, इस लिए मैं हमारे पक्ष प्रमुखजी और यु.पी. की अवाम को आश्वस्त करना चाहती हूँ कि, चाहे `कायावती` हो या `छायावती` ब्राँड मख्खीयां, सारी की सारी मख्खीयां मेरे ड़र से दूम दबा कर भाग जायेगी..!!"


पत्रकार-४," श्रीबकबक विजयजी, आपने अभी तक बटला हाउस से योगीबाबा श्रीमनमेला देवजी विरूद्ध इतने सारे बयान किए हैं, उसके बारे में आप क्या कहना चाहेंगे? और फिर आपने किस आधार पर युवराज श्री व्यर्थ हूल बाबाजी को प्रधानमंत्री बनाने का बयान किया था?"


श्री बकबक विजय सिंह," देखिए साहब, हम जिसकी शादी में जाते हैं, उसी  घर के सदस्यों का नाम जोड़ कर  उन्हीं के  गीत गाते हैं कि नहीं..!! मैंने भी मज़बूरी में गीत गाये इसमें ग़लत क्या है? पर हकीक़त यही है कि, वर्तमान सरकार का हिड़न एजेंडा है, जिसके तहत अगले चुनाव में श्री व्यर्थ हूल बाबा को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार एनाउन्स करना तय है  और  इसीलिए, सरकार `चोरपाल बील` में प्रधानमंत्री को शामिल करने से कतरा रही है ताकि भविष्य में युवराज जम कर भ्रष्टाचार करें, फिर भी पकड़े न जाए?"


पत्रकार-५," श्रीबकबकजी, आपने ढोंगरेस की पत्रकार परिषद में, श्री झूठार्दन दिवेली को चप्पल दिखाने वाले पत्रकार को खुद पीटा था, क्यों?"


श्री बकबक विजय सिंह,"  मेरे प्यारे पत्रकार दोस्तों, आज मैं सार्वजनिक तौर पर उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए माफ़ी मांगता हूँ और ये एलान करता हूँ कि, यहाँ उपस्थित किसी भी पत्रकार मित्र को आदरणीय श्री झूठार्दन दिवेली को जूता मारने का मन करें तो मुझे बताएं, इसी बहाने  मैं भी,  उनके सिर पर, दो-चार जूतें  मारूंगा..!! ढोंगरेस  पार्टी में मुझे साइडलाईन करने में, श्री झूठार्दनजी का भी अहम हाथ रहा है..!! O.K. NOW HAPPY?"


(ये सुनकर बीच में ही..!!)



सुश्री मख्खी मारतीजी," वाह, श्रीबकबक विजय सिंहजी, ये हुई ना, मर्दों वाली बात..!!"   


पत्रकार-६," श्रीबकबकजी, आप ने भारतीय नचणिया पार्टी में प्रवेश किया है, तो क्या आपको सुश्री उष्माजी कुराज्य की तरह नाचना आता है?"


श्री बकबक विजय सिंह," मुझे नाचना नहीं, पूरे देश को अच्छी तरह नचाना आता है, अब ढोंगरेस के विरूद्ध, अंटसंट बयानबाज़ी करके, ढोंगरेसवालों को मैं   कैसे  ताताथैया  नचाता हूँ,  ये पूरा देश देखेगा?"  


पत्रकार-७," आपने `चोरपाल बील` की मांग करने के कारण, जनता के प्रतिनिधि बाबा श्रीमन मेला देवजी को `ठग बाबा` और श्रीगन्ना बंजारे को `तानाशाह` कहा था?"


श्री बकबक विजय सिंह,"  अरी..छोड़, ये बातें..!! ढोंगरेस पक्ष के दबाव में आ कर, मैंने ऐसा कह दिया होगा, वर्ना उनके जैसे देश भक्त, तो  पूरे देश में  चिराग़ ले कर ढूंढने से भी नहीं मिल सकते..!!"


पत्रकार-७," श्रीकड़वी करीजी, आप ये बताएँगे कि, आपने श्रीबकबक विजय सिंहजी का, भारतीय नचणिया पार्टी में प्रवेश तो करा लिया है पर क्या आपको उन पर विश्वास है कि, ढोंगरेस पक्ष ने उन्हें, आपके पक्ष की खुफ़िया जानकारी प्राप्त करके, भानपा  को तोड़ने के लिए भेजा नहीं होगा? 


श्री बकबक विजय सिंह,"  अरे..!! आपको कैसे पता चला? या..र..!! ये आपको  ढोंगरेस के  श्री झूठार्दनजीने बताया ना? सा..; ओसामाजी बिन लादेनजी का नाती, मेरा दुश्मन वही  तो है..!!"


श्रीकड़वी करीजी,"अबे साले ढोंगरेस के ढोंगी, कब से बकबक करता है? चल, भाग यहाँ से, मेरा पक्ष तोड़ने आया था? उसे जूतें मारो दो-चार..!! पत्रकार मित्रों, श्रीबकबक विजय सिंह की सदस्यता, भारतीय नचणिया पार्टी से अभी,इसी वक़्त समाप्त कि जाती है..!!"

(पत्रकार परिषद में हंगामा मच जाता है । भानपा के वफादार पत्रकार और उनके कर्मचारी मिल कर, आदरणीय श्री बकबक विजय सिंहजी को, चप्पल-जूतों से बुरी तरह पीट ने में व्यस्त हो जाते हैं..!! मौका पाते ही, आदरणीय श्री बकबक विजय सिंहजी, भानपा कार्यालय से भाग निकलते है पर, आदरणीय श्री बकबक विजय सिंहजी को रोकते हुए..!!)



साध्वी सुश्री मख्खी मारतीजी," अरे वाह..!! बकबकजी, बड़े बेआबरू हो कर तेरे कूचे से हम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले ?"

(हंगामा होने की वजह से सारे पत्रकार वहाँ से चले जाते हैं..!! दोस्तों, ये पूरा एपिसोड शत प्रति शत काल्पनिक है, पर ये सारे नौटंकीबाज  इकट्ठा हो कर इस एपिसोड को वास्तविक नौटंकी का स्वरूप दें तो, आप हैरान मत होना..!!) 

मार्कण्ड दवे । दिनांक- २२-०६-२०११.

6 comments:

  1. नाम बदलने के बाद भी घटनाएं तो वहीं रहेंगी...
    बढ़िया है....

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  2. सटीक व्यंग्य कसा है...

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  3. बहुत दिनों के बाद एक मजेदार व्यंग पढने को मिला ...... आभार ।
    www.vishwajeetsingh1008.blogspot.com

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  4. सच हो जाये तो भी हैरानी नहीं होगी:)

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