Tuesday, August 9, 2016

इलाज ।

मिटेगी  नहीं  ईज़ा  कभी, आँख  यूँ  बंद कर लेने से,
ढूंढ़ना   पड़ता  है   इलाज  उसका,  बड़ी  बेरहमी से..!


ईज़ा = तक़लीफ़,परेशानी;       
इलाज = उपचार;      
बेरहमी = निर्दयता;

मार्कण्ड दवे । दिनांकः २७ जुलाई २०१६.


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