Friday, July 15, 2016

आग ।


लगाने को तो हम, लगा सकते हैं, दुनिया भर में आग,
मगर ड़रते  हैं, कहीं  जल  न जाए, तेरा घर साथ-साथ..!


आग = जलन ( ईर्ष्या);
   
तेरा घर = आशिक का दिल;

मार्कण्ड दवे । दिनांकः १४ जून २०१६.


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