Wednesday, June 29, 2016

इश्क में ।


गिरे होते  यूँ  ही तो, शायद  उठ भी  जाते  खुद,

गिरे  हैं  इश्क  में  अब तो, उनके उठाए, उठेंगे...!

मार्कण्ड दवे । दिनांकः २६ जून २०१६.


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