Thursday, August 4, 2016

इन्तज़ार ।


इन्तज़ार का लुत्फ़, चाह कर,उठा न सका मैं कभी,
दिल से गए  न  तुम कभी, जाने दिया न  मैंने कभी...!


लुत्फ़ = आनंद;

मार्कण्ड दवे । दिनांकः २२ जुलाई २०१६.


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