Saturday, July 23, 2016

हुकुम ।

सरे  आम, सर  पटक  कर  मरने  में, ग़ैरत कहाँ ?
मगर, जैसा भी हो, उनका हुकुम, सर-आँखो पर..!


सरे आम = खुलेआम; 
ग़ैरत = स्वाभिमान;

मार्कण्ड दवे । दिनांकः २२ जून २०१६.


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