Friday, June 24, 2016

मुसाफ़िर हूँ मैं ।


वस्ल-ओ-जुदाई का, ग़म न कर इतना,

  मुसाफ़िर हूँ  मैं, आना-जाना लगा रहेगा...!

वस्ल-ओ-जुदाई = मिलना-बिछड़ना;      ग़म = दुःख; 

मार्कण्ड दवे । दिनांकः २३ जून २०१६.


No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Ratings and Recommendations by outbrain

Followers

SpellGuru : SpellChecker & Editor For Hindi​​



SPELL GURU