सारे अहम फैसले, हमामखाने में ही चंगे हो गए,
जिस्म,जाँ,जिगर,सोच सब,अपनी मरज़ी से नंगे हो गए...!
हमामखाना = स्नानगृह;
चंगा होना = सही होना;
जिगर = हिम्मत;
मार्कण्ड दवे । दिनांकः ०२ ओक्टॉबर २०१६.
जिस्म,जाँ,जिगर,सोच सब,अपनी मरज़ी से नंगे हो गए...!
हमामखाना = स्नानगृह;
चंगा होना = सही होना;
जिगर = हिम्मत;
मार्कण्ड दवे । दिनांकः ०२ ओक्टॉबर २०१६.
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.