Monday, June 27, 2016

इन्तज़ार ।



जन्नत का, तू  इन्तज़ार  ना  कर  हाजी,
 
हो  चुके  हैं  दर्ज़, कई  आतंकी  पहले  से..!

जन्नत = स्वर्ग;    हाजी = वह जो हज कर आया हो;  
आतंकी = आतंकवादी;    दर्ज़ = पंजीकृत, रेकार्ड;

मार्कण्ड दवे । दिनांकः २४ जून २०१६


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