Friday, June 24, 2011

रहस्य कथा-शिकारी ।


रहस्य कथा-शिकारी ।
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सौजन्य-गूगल


दोस्तों,एक छोटा सा  पक्षी, विशालकाय विमान को आसमान से धरती पर गिरा सकता है..!! एक छोटी सी चींटीं विशालकाय हाथी को पागल बना सकती है..!! और मन के भीतर, पैदा हुआ वासना का एक छोटा सा कीड़ा,किसी भी महा चरित्र्यवान मानव को पतन की खाई में धकेल देता है..!!


पिछले कई दिनों से, शिकारी को इसका नया शिकार हाथ न आया था । कई दिनों से वासना और विक़ार के नशे की अपूर्तता के कारण इस शिकारी को, एक नशाख़ोर व्यसनी की छटपटाहट से  भी अधिक बैचेनी आज हो रही थी । वासना के कारण गरम हो कर दौड़ रहे खून में अब भयंकर उछाल आने की तैयारी थी । 


हा..क्..थू..उ..उ..!! शिकारी ने अश्लीलता पूर्वक, रास्ते पर थूक दिया । शिकारी का मन बचपन की यादों से, खट्टा होने लगा..!! 


बचपन से ही, १२` x १५` फुट के सिर्फ एक कमरे के कायमी निवास में, पूरा खान दान रहता था, ऐसे में कभी-कभी तो उसके सो जाने का  भी इंतज़ार किए बिना ही, उसका बड़ा भाई और भाभी रात को शारीरिक छेड़छाड़ के साथ  सेक्स  की मस्ती का जो खेल शुरु कर देते थे, उसे वह पहले-पहल तो अचरज वश हो कर और बाद में, कमरे में फैले धुँधले प्रकाश में, अध-खुली  आँख से उन दोनों की सेक्सी शरारतों की चरम सीमा को देख कर, वह वयस्क  होता रहा । 


हद तो तब होने लगी, जब  उसने बड़े भाई-भाभी की सेक्सी शरारतों की आज़माइश विद्यालय के पायखाने मे, अपने विद्यालय के सहपाठीओं के साथ करनी शुरू कर दी..!! ज़ाहिर है कि, इस गंदी हरकतों की शिकायत  प्रधानाचार्य, उसके भाई से बार बार करने लगे..!!  


नतीजन एक दिन आखिर थक-हार कर, बड़े भाई ने उसे विद्यालय से एकाएक नाम कटवा कर, पढ़ाई छुड़वा  दी और नज़दीक के शहर में, एक कारखाने में, उसे मज़दूरी पर भेज दिया ।


कारखाने के मालिक को तो मानो चौबीसों घंटे का नौकर मिल गया, उसे रहने के लिए कम्पाउन्ड में हू, मालिक के बंगले के पिछे, एक छोटा सा कमरा शेठ ने दे दिया । पूरा दिन  कारखाने और बंगले का इतना सारा काम करने के बाद  बदन असह्य  दर्द करने लगे तब, शेठानी का दिया हुआ, बचा-कुचा खाना खा कर  देर रात को,  भाई-भाभी के सेक्सी शरारतभरे खेल याद करते-करते गहरी नींद में चले जाने की  नाकाम कोशिश वह  करता रहता और अगर फिर भी नींद न आयें तो...तो...तो...?


किसी बैल की भाँति मज़दूरी करने के बदले में, शेठ की गंदी गालियाँ मिलने के कारण त्रस्त हो कर, उसने एक दिन, शेठ के गाली देते ही, उसके हाथ में जो औज़ार था, वह शेठ के सिर पर दे मारा और पिछे मुड़ कर देखे बिना, किसी को कुछ बताये बिना ही, कारखाने से भाग निकला और इस गाँव में आकर छुप गया..!!  


इस बात को आज पूरे सात साल बीत चुके हैं । उसने अपने पुराने शेठ का ना कभी संपर्क किया,ना अपने भाई-भाभी का..!! 


इस गाँव ने इन सात सालों में उसे नौकरी और सुंदर पत्नी दोनों दिए हैं..!! आज वह बिलकुल दुःखी नहीं है..!! उसने अपने मन को सहलाया, छोड़  ना  या..र, ये सारी पुरानी बातें..!!    


मानो, पुरानी यादों को, वह सचमुच मन के भीतर से बाहर उखाड़ फेंकना चाहता हो, फिर एक बार, दोगुना ज़ोर आज़मा कर,वह  रास्ते पर थूका..हा..क्..थू..उ..उ..!!


शाम के साढे सात बजे होंगे और अचानक गाँव की निर्जन गली में, जल्दी घर पहुँच ने की हड़बड़ी में, करीब-करीब भागते कदम भरती हुए, एक १४-१५ साल की लड़की पर, उसकी गरमा गरम नज़र पड़ी ।


इस कन्या को अकेली पाकर,उसके भीतर का शैतान शिकारी, बिना कुछ सोचे-समझे, तुरंत जाग उठा । अतिशय उत्तेजना से उसका शरीर कांप ने लगा..!!  उसने भी दौड़ते हुए कदमों से, उस लड़की के करीब जा कर उसे दबोच लिया और  वह लड़की कुछ समझती-चिल्लाती, उसने लड़की का मुँह दबा कर, उसे पास के खंडहर जैसे एक निर्जन मकान में खींच लिया ।


सवेरे-सवेरे किसी ग्रामजन ने, गाँव की युवा महिला सरपंच सावित्रीदेवी को ख़बर कि और देखते-ही देखते उस सुनसान टूटे फूटे मकान के पास कई सारे लोग इकट्ठा हो गए ..!!


महिला सरपंच ने तुरंत पुलिस को बुलाई । गाँव के मंदिर के पुजारी की इकलौती लड़की मंदिरा की लाज लूट कर, किसी शैतान शिकारी ने बड़ी ही बेरहमी से, उसे क्षतविक्षत कर दिया था । 


हालाँकि, मंदिरा अभी तक जीवित थी,पर अभान अवस्था में अब तक भयंकर दर्द  से कराह रही थीं । आनन फानन में, पुलिस ने मंदिरा को गाँव के पास, ज़िला की बड़ी सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा दिया । डॉक्टर ने मंदिरा का परीक्षण करने के बाद बताया कि, उसके साथ बलात्कार हुआ था और इस बर्बर घटना के असह्य आघात के कारण, मंदिरा अवाक-गुंगी हो गई थीं । मंदिरा की बूरी हालत देख कर, ज़िला पुलिस अधिकारी ने अस्पताल अधिकारियों को उसकी अच्छी तरह देखभाल करने की ताक़ीद कि ।  


यहाँ, गाँव में, गाँव वालों का गुस्सा सीमा पार कर रहा था । 


थोड़े ही दिन पहले, गाँव में भीख माँगकर अपना गुजारा कर रही एक पागल औरत पर बलात्कार हुआ था और उसका बलात्कारी पकड़ा जाए,उसके पहले ही यह फूल जैसी कोमल  नाबालिक  लड़की मंदिरा पर बलात्कार का गंभीर मामला?

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प्यारे दोस्तों, ये रहस्य कथा अभी बाक़ी है । पर  यहाँ  एक अहम सवाल ये  भी उठ रहा है  कि..!! 

कोई भी इन्सान बलात्कारी क्यों बनता होगा? 

आज भी देश में, १२`x१५` फुट के असुविधाजनक छोटे से कमरे में, कितने परिवार गुज़र-बशर कर रहे होंगे? 

क्या वे सारे दंपति, अपने नासमझ बच्चों के सो ने का इंतज़ार किए बगैर ही, अपने जातीय उत्तेजना की संतुष्टि करते होंगे? 

क्या  अनेक कारणों में बलात्कार की घटनाएँ बढ़ने का यह भी एक कारण हो सकता है?  

आपके पास इसका है कोई जवाब?अगर नहीं है तो..!! 

दोस्तों, इस रहस्य कथा में आगे क्या हुआ?

क्या शैतान बलात्कारी पकड़ा गया? कौन था वह दरिंदा?


मार्कण्ड दवे ।  दिनांकः २४-०६-२०११.

5 comments:

  1. समस्या पर धारदार लेखन!! एक गम्भीर रहस्य कथा!!
    अगली कड़ी का इन्तजार!!

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  2. रहस्य कथा में आपने एक बेहद महत्वपूर्ण और मनोवैज्ञानिक रहस्य का उद्घाटन किया है... आज अगर मुन्नी बदनाम को मार्केट की माँग कह कर बेचा जाता है तो सोचिये वो कौन है जो इनकी माँग करता है. ज़ाहिर है कोई पढ़ा लिखा या बुद्दिजीवी नहीं होगा... इस तरह की माँग और उनकी पूर्ति आने वाले समय के सामाजिक व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी ही हैं ..

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  3. आदरणीय दवे जी,
    आप १२'x १५' के कमरे की बात करते हैं,जो जनता झोंपडियों में वास करती है उनकी बात कीजिये.बचपन से ही मनोवर्ती का दूषण होता रहता है.बाकी कुछ समझदार लोग 'मुन्नी बदनाम हुई','शीला जवान हुई' फिल्मा कर अपना योगदान प्रदान करते रहतें हैं.
    मनोवर्ती को जो स्वस्थता प्रदान कर सके ऐसे साहित्य,फिल्म और सीरियलों की अत्यन्त आवश्यकता
    है.आशा है आपका सुन्दर लेखन इस आवश्यकता की
    पूर्ति करता रहेगा.

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  4. मुद्दा तो आप ने बहुत सत्य उठाया है..
    मगर अगर आप व्यस्क हैं तो आप को शारीरिक इच्छाओं पर काबू पाना होगा..
    यहीं पर हमारे हिन्दुधर्म की सीख कम आती हैं की शारीरिक सम्बन्धों की सीमा यथासंभव संतानोत्पत्ति तक ही रखनी चाहिए..और मूलतः इसे संतानोत्पत्ति का कारक मानना चाहिए न की व्यक्तिगत मनोरंजन का साधन..
    हलाकि जिस पात्र का आप ने वर्णन किया है मैंने देखा है(लेकिन प्रमाण नहीं है) वो हवेली में होने के बाद भी अक्सर मर्यादा रेखा लांघकर अपने घर परिवार में ही शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं...
    अगली किस्त का इंतजार रहेगा

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