Saturday, June 20, 2009

आँख से आँख उनसे लड़ी तो

मारे शर्म के मैं लाल हो गई।
(courtesy-Google images)


गीत- स्वरांकन-संगीत- मार्कण्ड दवे

गायिका - सुश्री,पारुल व्यास्




आँख से आँख उनसे लड़ी तो,

आँख से आँख उनसे लड़ी तो,

मारे शर्म के मैं लाल हो गई-३


हाल-ए-दिल कहना है लेकिन-२

मिलना उनसे है मुश्किल-२

प्यार का पहला ख़त जो मिला तो

मारे शर्म के मैं लाल हो गई-३,


सर पे दुपट्टा शबाब नमकीन,-२

नज़रें मिलानी भी मुश्किल-२

हवा चली -२ दुपट्टा उड़ा तो,

मारे शर्म के मैं लाल हो गई-३,


दिल का लगाना था मुमकिन -२

जिना-मरना भी मुश्किल-२

ज़ख्म ज़रा सा उसने दिखाया तो,

मारे शर्म के मैं लाल हो गई-३,

आँख से आँख उनसे लड़ी तो,

आँख से आँख उनसे लड़ी तो,

मारे शर्म के मैं लाल हो गई-३

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